Madhya Pradesh ke Pramukh Mele | मध्य प्रदेश के प्रमुख मेले | Madhya Pradesh ke Top 15 Pramukh Mele

Madhya Pradesh ke Pramukh Mele : मध्यप्रदेश में कुछ विशेष दिनों एवं त्योहारों में मेला लगाए जाने की प्रथा है। यह मैंने या तो किसी मंदिर या फिर नदी के किनारे लगाए जाते हैं। कई ऐसे मेले हैं जिन्हें पुराने समय के राजे रजवाड़ों के किलो में आज ही लगाए जा रहे है।

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उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश के रीवा जिले में हर शिवरात्रि के दिन रीवा जिले में मेला लगाया जाता है। अगर हम मध्यप्रदेश में मेले की संख्या के आधार पर जिले का नाम खोजें तो सबसे अधिक मेले उज्जैन जिले में लगते है जबकि सबसे कम मेले होशंगाबाद जिले में आयोजित होते हैं। आधिकारिक रूप से उज्जैन में प्रतिवर्ष 227 मेले आयोजित होते हैं वहीं पर होशंगाबाद में मात्र 13 मेलो का आयोजन होता है।

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मध्यप्रदेश के प्रमुख मेले | Madhya Pradesh ke Pramukh Mele

Madhya Pradesh ke Pramukh Mele

मध्यप्रदेश में मेले का आयोजन सबसे ज्यादा मार्च, अप्रैल और मई महीने के दौरान होता है जबकि जून-जुलाई अगस्त और सितंबर महीने में कम मेलों का आयोजन होता है। आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के कुछ महत्वपूर्ण मेलों के नाम और उनके आयोजित होने वाले स्थलों के नाम।

सिंहस्थ का मेला | कुंभ मेला, उज्जैन

उज्जैन का कुंभ मेला सिंहस्थ के नाम से जाना जाता है। यह मेला पूरे भारत में भव्य एवं पवित्र मेलों में से एक माना जाता है। मध्य प्रदेश की पवित्र नदी शिप्रा नदी के तट पर इस मेले का आयोजन धार्मिक मूल्यों के तहत किया जाता है। यह मेला प्रतिवर्ष आयोजित नहीं होता है बल्कि हर 12 साल के चक्र में एक बार आयोजित होता है। जब बृहस्पति राशि चक्र सिंह राशि में प्रवेश करता है तब इस मेले का आयोजन होता है। यह मेला Madhya Pradesh ke Pramukh Mele में शामिल है। 

रामलीला का मेला, दतिया

यह मेला ग्वालियर जिले के भांडेर तहसील में आयोजित किया जाता है। इस मेले को लगभग 100 साल से अधिक वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इस मेले को जनवरी-फरवरी महीने में आयोजित किया जाता है। Se

जागेश्वरी देवी का मेला, चंदेरी

बहुत ही प्राचीन काल से गुना जिले के चंदेरी में जागेश्वरी देवी का मेला आयोजित किया जाता है।

अमरकंटक का शिवरात्रि मेला,अमरकंटक 

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में पिछले 80 सालों से इस मेले का आयोजन किया जा रहा है यह मेला नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर महाशिवरात्रि के दिन आयोजित किया जाता है।

महामृत्युंजय का मेला, रीवा

यह मेला मध्यप्रदेश के पूर्व क्षेत्र में मौजूद रीवा जिले के महामृत्युंजय मंदिर में लगता है। यह मेला प्रतिवर्ष बसंत पंचमी और शिवरात्रि के दिन लगता है इस महीने में रीवा ही नहीं सीधी और सतना से भी लोग यहां आते हैं।

हीरा भूमिया का मेला, ग्वालियर 

मध्य प्रदेश के गुना, ग्वालियर और आसपास के क्षेत्र मे हरिमान बाबा बहुत प्रसिद्ध हैं। यह मेला अगस्त और सितंबर के महीने मे आयोजित होता हैं, यहाँ औरते हरिमान बाबा का आशीर्वाद लेने आती हैं। यह मेला पिछले 100 साल से आयोजित हो रहा हैं।

नागा जी का मेला, मुरैना 

अकबर के समय एक मशहूर संत नागाजी थे इनकी याद में नवंबर दिसंबर के दौरान इस मेले का आयोजन होता है। यह मेला मुरैना जिले के पोरसा गांव में लगभग 1 महीने के लिए लगता है।

पीर बुधन का मेला, शिवपुरी 

यह मेला ढाई सौ वर्ष से या उससे ज्यादा वर्षों से लगातार आयोजित हो रहा है यह मेला शिवपुरी के सनवारा में मुस्लिम के धार्मिक नेता पीर बुधान एक कब्र के पास आयोजित किया जाता है। इस मेले को अगस्त सितंबर महीने के आस-पास आयोजित किया जाता है।

तेजाजी का मेला, गुना

मध्य प्रदेश के गुना जिले के भामावड गांव में पिछले 70 वर्षों से तेजाजी के जन्मदिन के अवसर पर इस मेले का आयोजन किया जाता है।

चंडी देवी का मेला, सीधी

सीधी जिले के घोघरा गांव में चंडी देवी का मंदिर मौजूद है इस मंदिर में मौजूद चंडी देवी को पार्वती जी का अवतार माना जाता हैं। इसी स्थान पर मार्च-अप्रैल के आसपास मेले का आयोजन किया जाता है।

शहाबुद्दीन औलिया बाबा का उर्स, नीमच 

मंदसौर जिले के नीमच में फरवरी महीने में यह उर्स मनाया जाता है इस स्थान पर बाबा साबुद्दीन की मजार है

आलमी तब्लीगी इज्तिमा, भोपाल

भोपाल में यह तीन दिवसीय धार्मिक अवसर मनाया जाता है। भोपाल में इसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों में से एक माना जाता है। इज्तिमा हर वर्ष आयोजित किया जाता है इसी के साथ एक मेला भी लगाया जाता है।

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कालू जी महाराज का मेला, खरगौन 

यह मेला पश्चिमी निमाड़ के पिपलिया खुर्द में 1 महीने तक लगाया जाता है।

सिंगाजी का मेला, पिपलिया

सिंगाजी एक गुड आदमी थे तथा उन्हें लोग देवता का अवतार मानते थे। पश्चिम निमाड़ के पिपलिया गांव में अगर सितंबर में 1 सप्ताह के लिए यह मेला मनाया जाता है।

बरमान का मेला, खरगौन

नरसिंह जिले के गाडरवारा में मकर संक्रांति के अवसर पर 13 दिवसीय मेले की शुरुआत होती है।

मठ घोघरा का मेला, सिवनी 

शिवरात्रि के अवसर पर सिवनी जिले में इस मेले का आयोजन होता है। यह मेला 15 दिनों तक चलता है।

खजुराहो नृत्य महोत्सव, खजुराहो  

मध्यप्रदेश में हर वर्ष भारतीय शास्त्रीय नृत्य उत्सव खजुराहो में आयोजित किया जाता है इस उत्सव को खजुराहो नृत्य महोत्सव के नाम से जाना जाता है इस उत्सव को देखने दुनियाभर से लोग आते हैं।

धामोनी उर्स, सागर 

सागर जिले के धामोनी नाम के स्थान पर मस्तान शाह वली की मजार है इसी मजार में अप्रैल मई महीने के बीच में यह उर्स लगता है।

मध्य प्रदेश के अन्य प्रमुख मेले | Madhya Pradesh ke Pramukh Mele

  • गधों का मेला, उज्जैन,
  • बड़ोनी का मेला, दतिया
  • बांदकपुर का मेला, दमोह
  • नवग्रह का मेला, खरगौन
  • मांधाता का मेला, खंडवा
  • रतनगढ़ का मेला, दतिया
  • धर्मराजेश्वर मेला, मंदसौर
  • बाणगंगा का मेला, शहडोल
  • शरद समैया का मेला, पन्ना
  • बलदाऊ जी का मेला, पन्ना
  • बालाजी का मेला, बुरहानपुर
  • शहीद मेला, सनावद (खरगौन)
  • सनकुआ का मेला, सेंवढ़ा (दतिया) 
  • मेघनाथ मेला, उमरेठ (छिंदवाड़ा)
  • रहस का मेला, गढाकोटा (सागर)
  • सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला, शिवपुरी
  • रामजी बाबा का मेला, होशंगाबाद
  • शंकर जी का मेला, चौरागढ़ (पचमढ़ी)
  • मध्य प्रदेश का व्यापारिक मेला, ग्वालियर
  • आलमी तब्लीग़ी इजित्मा का मेला, भोपाल
  • कुंडेश्वर का मेला, टीकमगढ़चामुंडा देवी का मेला, देवास
  • विंध्यवासनी बीजासन देवी सलकनपुर का मेला, बुधनी (सीहोर)

Conclusion : Madhya Pradesh ke Pramukh Mele

यहाँ पर आपको Madhya Pradesh ke Pramukh Mele के बारे में पूरी जानकारी दी गयी है। Madhya Pradesh ke Pramukh Mele की लिस्ट भी आपको ऊपर दी गयी है। 

उम्मीद है आपको यह जानकारी आयी होगी। यदि आपके पास कोई सुझाव है तो comment में जरूर बताये। हम जल्दी ही आपको जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। 

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